Sunday, July 15, 2007

तुम से अच्छा कौन हैं

आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो
आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो

जिंदगी खफा खफा और तुम, दिल लगाने की बात करते हो
आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो

मेरे हालात ऐसे हैं, कि मैं कुछ कर नहीं सकती
मेरे हालात ऐसे हैं, कि मैं कुछ कर नहीं सकती

तड़पता है यह दिल लेकिन, मैं आहें भर नहीं सकती
ज़ख्म है हरा हरा और तुम, चोट खाने की बात करते हो

जिन्दगी खफा खफा और तुम, दिल लगाने की बात करते हो
आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो

ज़माने में भला कैसे, मोहब्बत लोग करते हैं
ज़माने में भला कैसे, मोहब्बत लोग करते हैं

वफ़ा के नाम की अब तो, शिक़ायत लोग करते हैं
आग है बुझी बुझी और तुम, लौ जलाने की बात करते हो

जिन्दगी खफा खफा और तुम, दिल लगाने की बात करते हो
आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो

कभी जो ख़्वाब देखा तो, मिली परछाईयाँ मुझको
कभी जो ख़्वाब देखा तो, मिली परछाईयाँ मुझको

मुझे महफिल की ख्वाहिश थी, मिली तन्हाईयाँ मुझको
हर तरफ धुँआ धुँआ और तुम, आशियाने की बात करते हो

जिन्दगी खफा खफा और तुम, दिल लगाने की बात करते हो
आंख है भरी भरी और तुम, मुस्कुराने की बात करते हो

1 comment:

Unknown said...

bhai yeh kiski pasand hai?