दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का गम हमे इनाम दिया है
तूफान में हम को छोड़ के साहिल पे आ गए
नाखुदा का हम ने इन्हें नाम दिया है
पहले तो होश छीन लिए जुल्म-ओ-सितम से
दीवानगी का फिर हमे इल्जाम दिया है
अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
गैरों ने आ के फिर भी उसे थाम दिया है
Saturday, August 18, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment